न हों हदों में तो छाले रिसाव देते हैं
किनारे धार को बाढब बहाव देते हैं
हदों में हैं तो खैरख्वाह हैं उंगलियों के
हदों को लाँघ के नाखून घाव देते हैं
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Via chitthajagat.in
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