मन के बाग़ में बिखरी है भावनाओं की ओस। …………कुछ बूंदें छूकर मैंने भी नम कर ली हैं हथेलियाँ …………और लोग मुझे कवि समझने लगे!

अहसास

मुहब्बत के बिना अहसास से दिल तर नहीं होता
अगर अहसास ना हो तो सुखन बेहतर नहीं होता
मेरी पहचान है ये शायरी, ये गीत, ये गज़लें
किसी से प्यार ना करता तो मैं शायर नहीं होता

No comments:

Text selection Lock by Hindi Blog Tips
विजेट आपके ब्लॉग पर