रटी-रटाई प्रार्थना, सुना-सुनाया ज्ञान।
बोर किया भगवान को, कैसे हो उत्थान॥
सब चोरी का माल है, वाणी-भजन-कुरान।
प्रेम-पत्र लिखवा रहा, गैरों से नादान॥
ईश्वर, बालक, माँ, कवि, ये सब एक समान।
इन्हें प्रेम से जीत लो, छोड़ो वेद -पुराण॥
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2 comments:
in teekhe dohon ka jawaab nahi......kamaal hai
is bakwas ka jawab nahi wah wah kahase training li hai be?
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