मन के बाग़ में बिखरी है भावनाओं की ओस। …………कुछ बूंदें छूकर मैंने भी नम कर ली हैं हथेलियाँ …………और लोग मुझे कवि समझने लगे!

वरुण गांधी बनाम मेनका गांधी

जेल से जब वरुण गांधी का बयान आया
तो उन्होंने बताया
कि पुलिस का रवैया देख कर
उनका मन
धीरज खो रहा है
जेल में उनके साथ
जानवरों जैसा
बर्ताव हो रहा है!

ये पढ़कर
मेरा चेहरा
टिकट प्राप्त प्रत्याशी की तरह खिल गया
इस बयान के बाद
मेनका जी को
वरुण के समर्थन में
अभियान छेड़ने का
बहाना मिल गया।

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