न जहाँ में तेरा जवाब है, न नज़र में तेरी मिसाल है
तेरी दोस्ती भी कमाल थी, तेरी दुश्मनी भी कमाल है
क्या हसीन खेल है ज़िन्दगी, कभी ग़मज़दा कभी खुशनुमा
कभी एक उम्र का ग़म नहीं, कभी एक पल का मलाल है
मेरी सोच बदली तो साथ ही मेरी ज़िन्दगी भी बदल गई
कभी मुझको उसका ख़याल था, अब उसको मेरा ख़याल है
ज़रा ये बता दे कहाँ गयीं, तेरी दोस्ती तेरी उल्फतें
मुझे अपने ग़म से ग़रज़ नहीं, तेरी रहमतों का सवाल है
तेरी राह मुझसे बदल गई या कि वक़्त थोड़ा बदल गया
तब दूर जाना मुहाल था, अब साथ रहना मुहाल है
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1 comment:
Bohot achhe chirag
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