जब नए साल की प्रथम किरण
धरती के आँगन में उतरे
तब हर प्राणी की श्वासों में
उल्लास-हर्ष का स्वर उतरे
सबके अंतस में घुल जाये
पावनता का अहसास नया
सब जीर्ण-शीर्ण संबंधों में
फिर से पनपे विश्वास नया
वंशी अधरों का चुम्बन ले
सरगम को उसके गीत मिलें
कुछ कोमल सपने पूरे हों
आशा के सुन्दर फूल खिलें....
जीवन की खाली झोली में
खुशियाँ भर दे ये नया साल!
इतना कर दे ये नया साल
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