मेरे गीतों में मेरे प्रेम का विश्वास बिखरा है
कहीं पतझर उतरता है कहीं मधुमास बिखरा है
मेरी बातें दिलों को इसलिये छूकर गुज़रतीं हैं
कि इन बातों में कोई अनछुआ अहसास बिखरा है
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1 comment:
bahut gahre tak chhuta hai ye ahsaas
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