मैंने मुस्कानें भोगी हैं अब मैं ग़म भी सह लूंगा
स्मृतियाँ दिल में उफनीं तो आँसू बनकर बह लूंगा
तुम सपनों की बुनियादों पर रंगमहल चिनवा लेना
मैं यादों के ताजमहल में शासक बनकर रह लूंगा
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1 comment:
itna akelapan!
adbhut hai!!!
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